गुर्जर जाति के लोक देवता, जिनका पूजा स्थल जोधपुरिया (टोंक), आसींद (भीलवाड़ा) व देहमाली में स्थित है
Ans:- वीरदेवजी (देवनारायण जी)
वह लोकदेवता जिनका पाषाण उत्कीर्ण सर्प मुर्तियुक्त स्थल प्राय: खेजड़ी के वृक्ष के निचे होता है, जिनकी स्मृति में प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्ण नवमी को त्यौहार मनाया जाता है
Ans:- गोगाजी
सांभर की किस देवी को चौहानों की कुलदेवी के रूप में मान्यता प्राप्त है
Ans:- जीणमाता
सहरियाओं की कुल देवी है
Ans:- कोडिया देवी
गोगाजी का प्रतीक चिन्ह है
Ans:- सर्प
ददरेवा स्थान किस जिले में है ?
Ans:- चुरू