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मीरा बाई राजस्थान के लोकसंत | Meera Bai Rajasthan ke Loksant

मीरा बाई राजस्थान के लोकसंत

Mira Bai Rajasthan ke Loksant

मीरा बाई राजस्थान के लोकसंत | Meera Bai Rajasthan ke Loksant

नमस्कार प्रिय पाठको rajasthangyan.in में आपका स्वागत है आज के इस पोस्ट में हम मीरा बाई राजस्थान के लोकसंत | Meera Bai Rajasthan ke Loksant  बारे में अध्ययन करेंगे जो कि राजस्थान GK के आर्ट एंड कल्चर का टॉपिक है जिसके अंतर्गत हम राजस्थान के लोकसंतो के बारे में पढ़ रहे हैं अगर आपको हमारा प्रयास अच्छा लगे तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करें | और अपनी राय कमेंट द्वारा दे | धन्यवाद !

 मीराबाई का जीवन परिचय

जन्म स्थान – 1503 ई. (Source NCRT book – Read Here) में ‘कुड़की’ गांव (मेड़ता) में
बचपन का नाम / अन्य नाम / मूलनाम – पेमल
पिता – रतन सिंह
माता – वीर कँवर
पति – भोजराज
मीरा का विवाह1516 ई. में मेवाड़ के महाराणा सांगा के ज्येष्ठ पुत्र भोजराज के साथ हुआ |
गुरु – रैदास / रविदास जी
रैदास जी की छतरी चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में मीरा मंदिर के पास बनी हुई है |
निधन / मोक्ष – द्वारिका गुजरात – 1546 ई (Source NCRT book – Read Here) .
उपाधि – संत शिरोमणि , राजस्थान की राधा
सम्प्रदाय – दासी / मीरादासी सम्प्रदाय

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मीराबाई की पुस्तकें तथा रचनाएं

  1. रुक्मणी मंगल
  2. पदावली
  3. सत्यभाभा जी नू रूसणो
  4. गीत गोविंद / राग गोविन्द
  5. नरसी जी रो मायरो (रतन खाती के सहयोग द्वारा संकलित)

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 FAQs

दासी सम्प्रदाय किसके द्वारा चलाया गया ?

दासी सम्प्रदाय मीरा बाई द्वारा चलाया गया |

मीरा बाई के पति का नाम क्या था ?

मीरा बाई के पति का नाम भोजराज था | भोजराज मेवाड़ के महाराणा सांगा के ज्येष्ठ पुत्र और मीरा बाई के पति.

मीरा बाई के गुरु जी कौन थे ?

मीरा बाई के गुरु जी रैदास / रविदास जी थे

भोजराज कौन थे ?

मेवाड़ के महाराणा सांगा के ज्येष्ठ पुत्र और मीरा बाई के पति

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