शिक्षा मनोविज्ञान Education psychology
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राजस्थान का परिचय About Rajasthan
शिक्षा —
उत्पति – संस्कृत की शिक्ष धातु — अर्थ सीखना |
Education लैटिन भाषा के educate नेतृत्व देना educate बाहर लाना |
Education – शिक्षण की कला {E(अंदर से ) +Duco आगे बढ़ना }
- बालक का सर्वंगीण विकास करने का साधन शिक्षा को महात्मा गाँधी ने माना हैं |
- बालक के व्यक्तिगत का समग्र विकास करती है |
- “पौधों का विकास कृषि द्वारा एवं मनुष्यों का विकास शिक्षा द्वारा होता है “ — लॉक
- “शिक्षा से एरा तात्पर्य बालक एवं मनुष्य के शरीर, मस्तिष्क एवं आत्मा के सर्वोतम अंश की अभिवयक्ति है “ — महात्मा गाँधी
- “शिक्षा व्यक्ति की उन सभी योग्यताओं का विकास है जिनके द्वारा वह अपने वातावरण पर नियन्त्रण रखने तथा अपनी संभावनाओ को पूर्ण करने की क्षमता का विकास करते है “ — जॉन डीवी
- “आधुनिक शिक्षा का सम्बन्ध व्यक्ति और समाज दोनों के कल्याण से है “ — फ्रेडसन
- “अपने व्यापक अर्थ में शिक्षा में वो सब प्रभाव सम्मिलित रहते है जो व्यक्ति प्र उसके जैम से लेकर मृत्यु तक पड़ते है “ — उमविल
- शिक्षा व्यक्तियों की व्यक्तियों के द्वारा और व्यक्तियों के लिए की जाने वाली प्रक्रिया है | — यूलीच
- “शिक्षा एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालक अपनी जन्मजात शक्तियों का विकास करता हैं “ — फ्रोबेल
- “मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता कोण अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है “ — स्वामी विवेकानंद
- मानव की आन्तरिक शक्तियों का स्वभाविक एवं सामंजस्य पूर्ण प्रगतिशील विकास ही शिक्षा है “ —– पेस्टालोजी
शिक्षा का अर्थ —
संकुचित सन्दर्भ व्यापक सन्दर्भ
(प्राचीन दृष्टिकोण ) (नवीन दृष्टिकोण )
- 19 वीं सदी के उत्तरार्द्ध (1879) तक * 1879 से अब तक (20 वीं सदी )
- औपचारिक शिक्षा (किताबी ज्ञान ) * अनोपचारिक शिक्षा
- शिक्षा स्कूल तक सिमित * शिक्षा जीवन पर्यंत
- ज्ञानात्मक पक्ष पर बल * सर्वागीण विकास पर बल
- सैंद्धांतिक पक्ष पर बल * व्यवहारिक पक्ष पर बल
मनोविज्ञान
उत्पत्ति — ( गैरिट के अनुसार ) साइकोलोजी — Psychology (साइकोलोजी)
यूनानी (ग्रीक ) Psychology — Psyche (आत्मा )
Logas(विज्ञान / अध्ययन )
- मनोविज्ञान प्रारम्भ में दर्शनशास्त्र का एक अंग था |
- दर्शनशास्त्र के शिकंजे से इसे विलियम जेम्स ने मुक्त कराया (मनोविज्ञान का जनक)
- ग्रीक दार्शनिकों द्वारा आत्मा के स्वरूप एवं व्यवहार को परिभाषित करने के लिए मानसिक दर्शन का उल्लेख किया |
- मनोविज्ञान के लिए Psychology शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ग्रीक मनोविज्ञानी रूडोल्फ गोयकल (1590 में ) ने किया |
- मनोविज्ञान का क्रमिक विकास —-
a . आत्मा का विज्ञान –
- 16 वीं शताब्दी तक
- अरस्तू प्लेटो देकार्ते , रूडोल्फ
- आत्मा की प्रकृति की अस्पष्टता के कारण अस्वीकृत
b.मस्तिष्क का विज्ञान –
- 17 वीं शताब्दी में पोम्पोनोजी (इटली ), लॉक , बर्कली , थॉमस रीड
- मस्तिष्क / मन की प्रकृति या स्वरूप का निर्धारण नही – अस्वीकृत
c.चेतना का विज्ञान –
- 19 वीं शताब्दी विलियम जेम्स ,विलियम वुंट , जेम्स सल्ली , वाईव्स, टीचनर
d.व्यवहार का विज्ञान –
- 20 वीं शताब्दी वाटसन, वुडवर्थ , स्किनर , विलियम मैक्डूगल , ई. जी.बोरिंग , जेम्स ड्रेवर
- वाटसन ने अंतर्दर्शन का बहिष्कार किया | बर्हीदर्शन का प्रतिपादन किया |
- सबसे पहले मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा का त्याग किया , फिर उसने अपने मन या मस्तिष्क का त्याग किया उसके बाद उसने चेतना का त्याग किया और अब वह व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है — वुडवर्थ
- मनोविज्ञान व्यवहार व अनुभव का विज्ञान है – स्किनर
- आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है — मन
- मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव संबंधो का अध्ययन है – क्रो & क्रो
- मनोविज्ञान का सम्बन्ध सिखने के मानवीय तत्व से है – हैरिस w चेस्टर
- मनोविज्ञान जीवित वस्तुओ के व्यवहार का विधायक विज्ञान है – मैक्डूगल
- मनोविज्ञान वातावरण के सम्पर्क में होने वाले मानव व्यवहारो का अध्ययन है | — वुडवार्थ
- मनोविज्ञान मानव प्रकृति का अध्ययन है | — बोरिंग
- मनोविज्ञान व्यवहार का शुद्ध विज्ञान है | — वाटसन
- मनोविज्ञान वः विज्ञानं है जो प्राणी तथा वातावरण के मध्य परस्पर होने वाली प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करता है | — मरफी
- मनोविज्ञान एक शुद्ध विज्ञान है जो मनुष्यों और पशुओ के व्यवहार का अध्यन करता है – जेम्स ड्रेवर
- मनोविज्ञान मानसिक जीवन की घटनाओ या संवृत्तियों तथा उनकी द्शोओं का विज्ञानं है — विलियम जेम्स
- मनोविज्ञान एक विधायक विज्ञान है | ( विधायक – है का अध्यन , नियामक – होना चाहिए का अध्यन)
- यह भौतिक एवं सामाजिक दोनों प्रकार के वातावरण का अध्ययन करता है |
- यह न केवल व्यक्ति बल्कि पशु – व्यवहार का अध्ययन करता है |
- यह व्यक्ति की ज्ञानेन्द्रियों को प्रभावित करने वाले वातावरण का अध्ययन करता है |
- यह व्यक्ति को मन शारीरिक प्राणी मानता हैं |
- यह सब प्रकार की ज्ञानात्मक क्रियाओं (स्मरण ,कल्पना ,संवेदना आदि )
संवेगात्मक क्रियाओ (रोना ,हसना , क्रुद्ध होना आदि ) और क्रियात्मक क्रियाओ जैसे — बोलना ,चलना , फिरना आदि का अध्ययन करता है |
शिक्षा मनोविज्ञान
- शाब्दिक अर्थ – शिक्षा सम्बन्धी मनोविज्ञान |
- शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र मानव व्यवहार है |
- यह खोज एवं निरिक्षण से प्राप्त तथ्यों का संग्रह करता है |
- यह संगृहित ज्ञान को सिध्दांत रूप देता है |
- शिक्षा की समस्याओ के समाधान के लिए पध्दतियों का प्रतिपादन करता है |
- शिक्षा मनोविज्ञान तथा कला दोनों हैं |
- मनोविज्ञान की शाखा के रूप में शिक्षा मनोविज्ञान की उत्पति सन 1900 में मानी जाती है |
- 1920 में शिक्षा मनोविज्ञान को स्पष्ट और निश्चित स्वरूप प्राप्त हुआ |
- शिक्षा मनोविज्ञान ,मनोविज्ञान के सिध्दांतों एवं अनुसन्धान का शिक्षा में प्रयोग है — कॉलसनिक
- शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से वृध्दावस्था तक सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है — क्रो & क्रो |
- शिक्षा मनोविज्ञान जन्म से लेकर परिपक्वता तक विभिन्न परिस्थितियों में गुजरते हुए व्यक्तियों में होने वाले परिवर्तनों की व्याख्या तथा विवेचना करता है | — सी.एच.जेड(अधिगम का सम्न्यीकरण सिध्दांत )
- शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है – जे.ए.स्टीफन
- शिक्षा मनोविज्ञान उन अनुसंधानों का शैक्षणिक परिस्थितियों में प्रयोग है जो शैक्षणिक परिस्थितियों में मानव के अनुभव तथा व्यवहार से संबंधित है — स्किनर
- शिक्षा मनोविज्ञान ,वैधानिक विधि से प्राप्त किये जाने वाले मानव प्रतिक्रियाओं के उन सिध्दांतों के प्रयोग को प्रस्तुत करता है ,जो शिक्षण और अधिगम को प्रभावित करते हैं — एलिश क्रो
- शिक्षा मनोविज्ञान कास मुख्य सम्बन्ध सिखने से है | यह मनोविज्ञान का वह अंग है ,जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओ की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है — सोरे एवं टेलफ़ोर्ड
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