संवेगात्मक बुद्धि (EQ) Emotional intelligence

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  • 1995 में प्रकाशित पुस्तक – संवेगात्मक बुद्धि , बुद्धि लब्धि से अधिक महत्वपूर्ण क्यों है |
  • संवेगात्मक बुद्धि के सिद्धांत का प्रतिपादन गोलमैन किया |
  • संवेगात्मक बुद्धि से तात्पर्य है व्यक्ति जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने संवेगों को पहचानता है , उन्हें ठीक ढंग से प्रतिबंधित करता है तथा अपने आप को ठीक ढंग से अभी प्रेरित करता है | अपने आवेगों  पर नियंत्रण रखता है | दूसरे लोगों के संवेगों को ठीक से समझता है |
  • संवेगात्मक बुद्धि शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम डॉ. जॉन मेयर व डॉ. पीटर सैलोवी  द्वारा |
  • सांवेगिक बुद्धि पद का प्रतिपादन सैलोवी  तथा मेयर  द्वारा किया गया |

सांवेगिक बुद्धि के पांच मुख्य तत्व  —

  • अपने आपको अभीप्रेरित करना |
  • अपने आवेगों पर नियंत्रण |
  • दूसरों के संवेगों की पहचान करना |
  • अंतवैयक्तिक संबंधों को ठीक ढंग से संचालित करना |
  • हे के अनुसार सांवेगिक बुद्धि के चार तत्व  —

स्व जागरूकता ,   सामाजिक जागरुकता ,  स्व प्रबंध ,  संबंध प्रबंध |

  • वुड एवं वुड ने सैलोनी तथा मेयर द्वारा बताये गये तत्वों में एक तत्व और शामिल किया आशावादिता |
  • भारत में एन. के.चढ्ढा ने सांवेगिक बुद्धि को नापने के लिए सांवेगिक लब्धि परिक्षण विकसित किया है |
  • जिन पियाजे का का संज्ञानात्मक विकास का सिध्दांत – बुद्धि एक प्रकार की अनुकूलि प्रक्रिया है | जिसमे जैविक परपिक्वता तथा वतावरण के साथ होने वाली अंत:क्रिया समिलित होती है |
  • मानसिक सरंचना की व्यवहारगत समान्तर प्रक्रिया – स्कीमा कहलाती है |
  • स्टर्नबर्न का बुद्धि का त्रितंत्र सिध्दांत —
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बुद्धि के तीन मुख्य प्रकार होते है –

संदर्भात्मक बुद्धि (व्यवहारिक )

अनुभव जनय बुद्धि (सृजनात्मक )

घटकीय बुद्धि (विश्लेष्णात्मक )

  • भारत में सर्वप्रथम डॉ. राईस ने 1922 में में `हिन्दुस्तानी बिने क्रिया स्केल ` प्रकाशित करवाया |
  • भारत में CIE सामूहिक भाषात्मक बुद्धि परिक्षण प्रो.उदयशंकर ने तैयार किया |
  • बिने साइमन स्केल के प्रश्नों का क्रम – सरल से कठिन की ओर |
  • बुद्धि परिक्षण का सर्वप्रथम परिक्षण वुंट ने किया
  • x=y तथा y = z तो x = z उपमान तर्क |
  • सफलता से ही सफलता मिलती है प्रभाव का नियम |
  • जानबूझ कर सीखे गये प्रयोजन आदत बन जाते हैं |
  • कक्षा – कक्ष में शिक्षक के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती  –  विसभागियता |
  • भावना व संवेग में अन्तर अंश का पाया जाता हैं |
  • विकास की दिशा – सर से पैर व समीप से दूर की ओर है |
  • विकास का ग्राफ सर्पिलाकार होता है |
  • शिक्षा भी मानकात्मक विज्ञान है |
  • साहचार्य वाद मनोविज्ञान का जनक जैन लॉक
  • स्पीयर मैन ने अपना द्विखंड सिध्दांत निर्माण 1904 में पूरा किया |
  • बुद्धि का विभाजन टरमन व मैरिल ने किया |

 

  • “अमूर्त वस्तुओ के विषय में सोचना ही बुद्धि है “ — हल
  • जालोटा ने सामूहिक बुद्धि परीक्षण दिया |
  • थर्स्टन ने सांष्यिकीय विधि का प्रयोग किया |
  • 3 वर्ष तक के बालकों को शिक्षा आयु के आधार पर दी जानी चाहिए |
  • यूनेस्कों द्वारा हीन बुद्धि बालको की भुद्धि लब्धि 0 – 19 बताई गयी है |
  • मानसिकता मंदता से संबंधित व्यक्तियों के लिए – घड़ी परीक्षण |
  • बुद्धिमापन के क्षेत्र में अशाब्दिक  तथा निष्पादन बुद्धि परीक्षणों का सर्वप्रथम निर्माण  पियाजे ने किया  |
  • चित्रपुर्ती परीक्षण में कार्डों की संख्या -15
  • भारत में बुद्धि परिक्षण का आरम्भ 1992 से |
  • “बुद्धि पहचानने तथा सुनने की शक्ति है “  — बिने
  • इन्द्रिज्ञान द्वारा बुद्धि की व्याख्या सर्वप्रथम विलियम वुंट ने की  |
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