Rajasthangyan.in

कार्बन के अपरूप | Allotropes of Carbon

कार्बन के अपरूप

Allotropes of Carbon

इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक कार्बन के अपरूप | Allotropes of Carbon के बारे में जानकारी दी गयी है | अपरूप , क्रिस्टलीय अपरूप ,अक्रिस्टलीय अपरूप, हीरा, ग्रेफाइट फुलेरीन आदि कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10 वी साइंस का chapter – 4कार्बन एंव उसके यौगिक से लिया गया है |

अपरूप (Allotropes)

Defination of Allotropes – ऐसे योगिक जो दो या दो से अधिक रूपों में पाए जाते हैं, जिनके भौतिक व रासायनिक गुणधर्म अलगअलग होते हैं, अपरूप कहलाता है |

अपरूप दो प्रकार के होते हैं

1. क्रिस्टलीय अपरूप (Crystalline Allotropes)

2.  अक्रिस्टलीय अपरूप (Non – Crystalline Allotropes)

क्रिस्टलीय अपरूप

Defination of Crystalline Allotropes – वे अपरूप जिनमें कार्बन परमाणु की निश्चित ज्यामिति पाई जाती है, वह क्रिस्टलीय अपरूप कहलाता है |

उदाहरण – हीरा, ग्रेफाइट, फुलेरीन

अक्रिस्टलीय अपरूप

Defination of Non – Crystalline Allotropes – वे अपरूप जिनमें कार्बन परमाणु की निश्चित ज्यामिति नहीं पाई जाती है, वह अक्रिस्टलीय अपरूप कहलाता है |

उदाहरण – कोक, कोयला, चारकोल

हीरा (Diamond)

हीरे की सरंचना
Diagram – हीरे की सरंचना

हीरे का उपयोग (Use of Diamonds) –

  1. हीरे का उपयोग रिंग बनाने में किया जाता है |
  2. हीरे का उपयोग कांच काटने में किया जाता है |
  3. हीरे का उपयोग पत्थर व चट्टाने काटने में किया जाता है |
  4. हीरे का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है |
  5. हीरे का उपयोग संगमरमर मार्बल के पत्थर काटने में किया जाता है |

ग्रेफाइट (Graphite) –

ग्रेफाइट की सरंचना
Diagram – ग्रेफाइट की सरंचना

ग्रेफाइट के उपयोग (Use of Graphite) –

  1. ग्रेफाइट का उपयोग लोहे की वस्तु में पॉलिश करने में किया जाता है |
  2. ग्रेफाइट का उपयोग पेंसिल बनाने में किया जाता है |
  3. ग्रेफाइट का उपयोग नाभिकीय परमाणु भट्टी में मंदक के रूप में किया जाता है |
  4. ग्रेफाइट का उपयोग शुष्क स्नेहक के रूप में किया जाता है |

फुलेरीन (Fullerene) –

C - 60 बकमिस्टर फुलेरीन की सरंचना
Diagram – C – 60 बकमिस्टर फुलेरीन की सरंचना

फुलेरीन के उपयोग (Use of Fullerene) –

  1. फुलेरीन उच्च ताप पर अतिचालक होने के कारण तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है |
  2. फुलेरीन का उपयोग आणविक बेरिंग में होता है |

उपरोक्त पोस्ट में कार्बन के अपरूप | Allotropes of Carbon के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है | कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |

Important FAQs

Question 1. क्रिस्टलीय अपरूप किसे कहते है ?

Answer – वे अपरूप जिनमें कार्बन परमाणु की निश्चित ज्यामिति पाई जाती है, वह क्रिस्टलीय अपरूप कहलाता है |

Question 2. अक्रिस्टलीय अपरूप किसे कहते है ?

Answer – वे अपरूप जिनमें कार्बन परमाणु की निश्चित ज्यामिति नहीं पाई जाती है, वह अक्रिस्टलीय अपरूप कहलाता है |

Question 3. क्रिस्टलीय अपरूप के उदाहरण दीजिए ?

Answer – हीरा, ग्रेफाइट, फुलेरीन

Question 4. अक्रिस्टलीय अपरूप के उदाहरण दीजिए ?

Answer – कोक, कोयला, चारकोल

Question 5. हीरे का गलनांक 3848 K कितना होता है ?

Answer – 3848 K

Question 6. ग्रेफाइट में कार्बन कार्बन के मध्य दूरी कितनी होती है ?

Answer – मध्य दूरी 1. 42A

Question 7. हीरे में कार्बन कार्बन के मध्य दूरी कितनी होती है ?

Answer – मध्य दूरी 1.54A

Question 8. फुलेरीन में कार्बन कार्बन के मध्य दूरी कितनी होती है ?

Answer – मध्य दूरी 1.40A

Question 9. बकीबॉल किसे कहते है ?

Answer – फुलेरीन की संरचना फुटबॉल के समान होती है, इसलिए इसे बकीबॉल कहते हैं |

Question 10. फुलेरीन की संरचना कैसी होती है ?

Answer – गोल गुंबद जैसी

Other Topic Important Links

Science More Important Topics you can click here

Hindi More Important Topics you can read here

Rajasthan GK More Important Topics click here

Psychology More Important Topics you can read here

Follow us on Facebook

Exit mobile version