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विद्युत ऋणता | Electricity Indebtedness

Electricity Indebtedness

Electricity Indebtedness

इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक विद्युत ऋणता | Electricity Indebtedness के बारे में जानकारी दी गयी है | विद्युत ऋणता, विद्युत ऋणता का आवर्त पर प्रभाव, विद्युत ऋणता का वर्ग पर प्रभाव व संयोजकता या ऑक्सीकारक अवस्था कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10th के साइंस के Chapter – 5तत्वों का आवर्त वर्गीकरणसे लिया गया है |

विद्युत ऋणता

Defination of Electricity Indebtedness – किसी परमाणु द्वारा बंधित इलेक्ट्रॉन को आकर्षित करने की क्षमता को विद्युत ऋणता कहते हैं |

अथवा

एक योगिक में साझें के एक इलेक्ट्रॉन युग्म को किसी परमाणु द्वारा अपनी और आकर्षित करने की प्रवृत्ति को परमाणु की विद्युत ऋणता कहते हैं |

Example –

माना कि A – B कोई सहसंयोजक योगिक है | यदि A की अपेक्षा B का इलेक्ट्रॉन के प्रति अधिक आकर्षण है | तब साझें के इलेक्ट्रॉन B की ओर खिसक जाएंगे | इस प्रकार ऊपर ऋण आवेश आ जाएगा | इसके फलस्वरूप A पर आंशिक धन आवेश उत्पन्न होगा | इससे स्पष्ट है कि B, A की अपेक्षा अधिक विद्युत ऋणी है |

  1. A : B (दोनों बराबर)
  2. A+ : B (विद्युत ऋणी अधिक)
  3. A : B (A अधिक विद्युत ऋणी B की तुलना में)

आवर्त सारणी में विद्युत ऋणता की आवर्तिता

विद्युत ऋणता का आवर्त पर प्रभाव

आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर तत्वों के परमाणुओं के परमाण्विक आकार (त्रिज्या) में वृद्धि होती है | अतः आवर्त में विद्युत ऋणता का मान बढ़ता है |

NOTE –

             विद्युत ऋणता α प्रभावी नाभिकीय आवेश

             विद्युत ऋणता α 1 / परमाणु आकार

NOTE –

विद्युत ऋणता का वर्ग पर प्रभाव

वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश में कमी होती है | व ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार बढ़ता है | जिससे विद्युत ऋणता वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर घटती है |

नोट

किसी तत्व के लिए विद्युत ऋणता का मान स्थिर नहीं होता | इसका मान इस बात पर निर्भर होता है, कि वह तत्व अन्य किस तत्व से बंधित है |

संयोजकता या ऑक्सीकारक अवस्था

इलेक्ट्रॉन की विद्युत ऋणता को ध्यान में रखते हुए किसी विशेष योगीक में तत्वों के परमाणु द्वारा अन्य परमाणु से ग्रहण की आवेश की संख्या उस तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या कहलाती है |

Example –

सोडियम ऑक्साइड (Na2O) में प्रत्येक सोडियम परमाणु एक इलेक्ट्रॉन ऑक्सीजन को देता है | इस कारण उसकी संयोजकता या ऑक्सीकरण अवस्था +1 होती है | व प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु प्रत्येक सोडियम परमाणु से एक एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है | अर्थात कुल 2 इलेक्ट्रॉन ग्रहण किये जाते है | इसलिए ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण अवस्था +2होती है |

FAQs

Question 1. विद्युत ऋणता किसे कहते है ?

Answer – किसी परमाणु द्वारा बंधित इलेक्ट्रॉन को आकर्षित करने की क्षमता को विद्युत ऋणता कहते हैं |

Question 2. सबसे अधिक विद्युत ऋणीय तत्व कौनसा होता है ?

Answer – फ्लोरिन (F – 4.0)

Question 3. विद्युत ऋणता और प्रभावी नाभिकीय आवेश में क्या संबंध होता है ?

Answer – विद्युत ऋणता, प्रभावी नाभिकीय आवेश के समानुपाती होती है |

Question 4. सबसे कम विद्युत ऋणीय तत्व कौनसा होता है ?

Answer – सिजियम (Cs – 0.7)

Question 5. विद्युत ऋणता और परमाणु आकार में क्या संबंध होता है ?

Answer – विद्युत ऋणता, परमाणु आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है |

Question 6. संयोजकता या ऑक्सीकारक अवस्था किसे कहते है ?

Answer – इलेक्ट्रॉन की विद्युत ऋणता को ध्यान में रखते हुए किसी विशेष योगीक में तत्वों के परमाणु द्वारा अन्य परमाणु से ग्रहण की आवेश की संख्या उस तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या कहलाती है |

Question 7. कौनसे वर्ग की विद्युत ऋणता सबसे अधिक होती है ?

Answer – 17 वें वर्ग (हैलोजन) की

Question 8. कौनसे वर्ग की विद्युत ऋणता सबसे कम होती है ?

Answer – वर्ग 1 के तत्वों (क्षार धातुओं) की

उपरोक्त पोस्ट में विद्युत ऋणता | Electricity Indebtedness के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है | कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |

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