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इलेक्ट्रॉन बंधुता | Electron Affinity

Electron Affinity

Electron Affinity

इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक इलेक्ट्रॉन बंधुता | Electron Affinity के बारे में जानकारी दी गयी है | इलेक्ट्रॉन बंधुता, इलेक्ट्रॉन बंधुता का आवर्त पर प्रभाव, इलेक्ट्रॉन बंधुता का वर्ग पर प्रभाव कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10th के साइंस के chapter – 5तत्वों का आवर्त वर्गीकरणसे लिया गया है |

इलेक्ट्रॉन बंधुता

Defination of Electron Affinity किसी विलगित गैसीय परमाणु की संयोजी कोश में एक इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर मुक्त ऊर्जा को इलेक्ट्रॉन बंधुता कहते है |

A+ + e- A- + Energy (इलेक्ट्रॉन बंधुता)

Note – इलेक्ट्रॉन बंधुता को इलेक्ट्रॉन एन्थैल्पी या इलेक्ट्रॉन लब्धि के नाम से भी जाना जाता है |

इलेक्ट्रॉन बंधुता से मुक्त ऊर्जा सदैव ऋणआत्मक होती है |

इस कारण विभिन्न परमाणुओं की इलेक्ट्रॉन बंधुता के मान भी कुछ अपवादो को छोड़कर सदैव ऋणात्मक होते हैं |

अपवाद

आवर्त सारणी में कुछ उत्कृष्ट गैसों का विन्यास अत्यधिक स्थाई होने के कारण यह बहुत ही कम क्रियाशील होती है | और इलेक्ट्रॉन के प्रति आकर्षण नहीं दिखाते हैं | अर्थात यह इलेक्ट्रॉन आसानी से ग्रहण नहीं करती है | बल्कि इनमें इलेक्ट्रॉन जोड़ने के लिए ऊर्जा देनी पड़ती है | अर्थात उत्कृष्ट गैसों के लिए इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान धनात्मक होता है |

आवर्त सारणी में इलेक्ट्रॉन बंधुता की आवर्तीता

इलेक्ट्रॉन बंधुता का आवर्त पर प्रभाव

आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश में वृद्धि होने के कारण जुड़ने वाले इलेक्ट्रॉन के प्रति आकर्षण बढ़ता है | जिससे ऊर्जा की मात्रा बढ़ती जाती है | अर्थात आवर्त में इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान क्रमशः बढ़ता जाता है |

इलेक्ट्रॉन बंधुता, प्रभावी नाभिकीय आवेश के समानुपाती होती है

   इलेक्ट्रॉन बंधुता α प्रभावी नाभिकीय आवेश

इलेक्ट्रॉन बंधुता, परमाणु आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है

   इलेक्ट्रॉन बंधुता α 1/ परमाणु आकार

इलेक्ट्रॉन बंधुता का वर्ग पर प्रभाव

वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश के मान में कमी आती है | जिससे बाह्यतम इलेक्ट्रॉन के प्रति आकर्षण कम हो जाता है | अर्थात इलेक्ट्रॉन बंधुता के मान घटते जाते हैं |

जैसे हेलोजन के लिए इलेक्ट्रॉन बंधुता के मान

F (328), Cl (349), Br (325), I (295)

इसमें फ्लोरीन की इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान क्लोरीन की तुलना में कम होता है | इसका कारण फ्लोरीन का आवेश घनत्व अधिक होना है |

आवेश घनत्व = आवेश / त्रिज्या

जिसके कारण अधिक आवेश घनत्व या अधिक इलेक्ट्रॉन घनत्व जुड़ने वाले इलेक्ट्रॉन के प्रति प्रतिकर्षण दिखाते हैं |

फलस्वरुप जुड़ने वाले इलेक्ट्रॉन का नाभिक का तुलनात्मक रूप से कम हो जाता है | इस कारण इलेक्ट्रॉन बंधुता मान अपेक्षाकृत कम हो जाता है |

FAQs

Question 1. इलेक्ट्रॉन बंधुता किसे कहते है ?

Answer – किसी विलगित गैसीय परमाणु की संयोजी कोश में एक इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर मुक्त ऊर्जा को इलेक्ट्रॉन बंधुता कहते है |

Question 2. आवेश घनत्व और त्रिज्या में क्या संबंध होता है ?

Answer – आवेश घनत्व = आवेश / त्रिज्या

Question 3. इलेक्ट्रॉन बंधुता और प्रभावी नाभिकीय आवेश में क्या संबंध होता है ?

Answer – इलेक्ट्रॉन बंधुता, प्रभावी नाभिकीय आवेश के समानुपाती होती है |

Question 4. इलेक्ट्रॉन बंधुता को अन्य किन नामों से जाना जाता है ?

Answer – इलेक्ट्रॉन बंधुता को इलेक्ट्रॉन एन्थैल्पी या इलेक्ट्रॉन लब्धि के नाम से भी जाना जाता है |

Question 5. इलेक्ट्रॉन बंधुता और परमाणु आकार में क्या संबंध होता है ?

Answer – इलेक्ट्रॉन बंधुता, परमाणु आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है |

उपरोक्त पोस्ट में इलेक्ट्रॉन बंधुता | Electron Affinity के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है | कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |

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