इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक धातुओं व अधातुओं की परस्पर अभिक्रिया | Interactions of Metals and Non-Metals के बारे में जानकारी दी गयी है | धातु, धातुओं के रासायनिक गुणधर्म, ऑक्सीकरण संख्या, आयनिक यौगिकों का निर्माण व आयनिक यौगिकों के गुण आदि कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10 वी साइंस का chapter – 3 “धातु और अधातु” से लिया गया है |
ऑक्सीकरण संख्या (Oxidation Number)
Defination of oxidation number – किसी योगिक या अणु में किसी परमाणु पर उपस्थित आवेश की मात्रा को ऑक्सीकरण संख्या कहते हैं |
क्षार धातुओं की ऑक्सीकरण संख्या –
H, Li, Na, K, Rb, Cs, Fr – +1
क्षार मृदा धातुओं की ऑक्सीकरण संख्या –
Be, Mg, Ca, Sr, Ba, Ru – +2
हैलोजन की ऑक्सीकरण संख्या –
F, Cl, Br, I, At – -1
आयनिक यौगिकों का निर्माण
योगिक NaCl का निर्माण –
Na Cl
+1 -1
NaCl
- NaCl के निर्माण में Na परमाणु एक इलेक्ट्रॉन त्याग कर Na+ का निर्माण करता है |
- त्यागा गया परमाणु Cl ग्रहण करके Cl – बनाता है |
- Na+ व Cl – आयन मिलकर NaCl का निर्माण करता है |
योगिक MgCl2 का निर्माण –
Mg Cl
+2 -1
MgCl2
- MgCl2 के निर्माण में Mg परमाणु दो इलेक्ट्रॉन त्याग कर Mg+ का निर्माण करता है |
- त्यागे गए दो परमाणु Cl ग्रहण करके 2Cl– बनाता है |
- Mg+2व 2Cl- आयन मिलकर MgCl2 का निर्माण करता है |
योगिक AlCl3 का निर्माण –
Al Cl
+3 -1
AlCl3
- AlCl3 के निर्माण में Al परमाणु तीन इलेक्ट्रॉन त्याग कर Al+3 का निर्माण करता है |
- त्यागे गए तीन इलेक्ट्रॉन Cl ग्रहण करके 3Cl- बनाता है |
- Al+3 व 3Cl- आयन मिलकर AlCl3 का निर्माण करते हैं |
योगिक Al(OH)3 का निर्माण –
Al OH
+3 -1
Al(OH)3
- Al(OH)3 के निर्माण में Al परमाणु तीन इलेक्ट्रॉन त्याग कर Al+3 का निर्माण करता है |
- त्यागे गए तीन इलेक्ट्रॉन OH ग्रहण करके 3OH– बनाता है |
- Al+3 व 3OH– आयन मिलकर Al(OH)3 का निर्माण करते हैं |
योगिक KOH का निर्माण –
K OH
+1 -1
KOH
- KOH के निर्माण में K परमाणु एक इलेक्ट्रॉन त्याग कर K+ का निर्माण करता है |
- त्यागे गए इलेक्ट्रॉन को OH ग्रहण करके OH– बनाता है |
- K+ व OH– आयन मिलकर KOH का निर्माण करते हैं |
आयनिक यौगिकों के गुण
1. भौतिक प्रकृति –
- धन एवं ऋण आयनो के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस एवं थोड़े कठोर होते हैं |
- यह योगिक सामान्यतः भंगुर प्रकृति के होते हैं |
- तथा दाब डालने पर टुकड़ों में टूट जाते हैं |
2. गलनांक एवं क्वथनांक –
- आयनिक यौगिकों का गलनांक एवं क्वथनांक बहुत अधिक होता है |
- क्योंकि मजबूत अंतर आयनिक आकर्षण को तोड़ने के लिए ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा में आवश्यकता होती है |
3. घुलनशीलता –
- वैधुत संयोजक योगिक सामान्यतः जल में घुलनशील होते है |
- तथा केरोसिन, पेट्रोल आदि जैसे विलायकों में अविलेय होते है |
4. विद्युत चालकता –
- किसी विलयन से विद्युत के चालन के लिए आवेशित कणों की गतिशीलता आवश्यक होती है |
- आयनिक यौगिकों के जलीय विलयन में आयन उपस्थित होते हैं |
- जब विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो यह आयन विपरीत इलेक्ट्रोड की ओर गमन करने लगते है |
- ठोस अवस्था में आयनिक यौगिक विद्युत का चालन नहीं करते हैं |
- क्योंकि ठोस अवस्था दृढ संरचना के कारण आयनो की गति संभव नहीं होती है |
- लेकिन आयनिक यौगिक गलित अवस्था में विद्युत का चालन करते है |
- क्योंकि गलित अवस्था में विपरीत आवेश वाले आयनो के मध्य स्थिर वैद्युत आकर्षण बल उष्मा के कारण कमजोर पड़ जाता है |
- इसलिए आयन स्वतंत्र रूप से गमन करते हैं एवं विद्युत का चालन करते हैं |
उपरोक्त पोस्ट में धातुओं व अधातुओं की परस्पर अभिक्रिया | Interactions of Metals and Non-Metals के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |
FAQs
Question 1. ऑक्सीकरण संख्या किसे कहते है ?
Answer – किसी योगिक या अणु में किसी परमाणु पर उपस्थित आवेश की मात्रा को ऑक्सीकरण संख्या कहते हैं |
Question 2. क्षार धातुओं की ऑक्सीकरण संख्या कितनी होती है ?
Answer – +1
Question 3. क्षार मृदा धातुओं की ऑक्सीकरण संख्या कितनी होती है ?
Answer – +2
Question 4. हैलोजन की ऑक्सीकरण संख्या कितनी होती है ?
Answer – –1
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