सुनीता विलियम्स समोसे और गीता स्पेस में ले जानी वाली एस्ट्रोनॉट कैसे सुनीता को लेकर धरती पर लौटा स्पेस क्राफ्ट |

सुनीता विलियम्स

समोसे और गीता स्पेस में ले जानी वाली एस्ट्रोनॉट कहानी सुनीता विलियम्स की सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष की अग्रणी महिला

सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स

Rajasthan High Court Civil Judge Recruitment 2025

 

सुनीता अपनी तीसरी अंतरिक्ष यात्रा में सबसे ज्यादा समय तक स्पेस वॉक करने वाली महिला हैं। सुनीता विलियम्स से पहले यह रिकॉर्ड पिगी वितसन के नाम था। तीन अंतरिक्ष यात्राओं में सुनीता विलियम्स ने नौ बार में कुल 62 घंटे 6 मिनट स्पेस वॉक किया है, जबकि पिगी वितसन ने 60 घंटे 21 मिनट स्पेस वॉक का रिकॉर्ड बनाया था।

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में मैराथन दौड़ने वाली प्रथम अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका जन्म अमेरिका के ओहायो में 1965 में हुआ, इनका पालन-पोषण भी अमेरिका के ओहायो में हुआ।

 

विलियम्स के पिता दीपक पांडे भारतीय हैं, इनका जन्म मुरसान जिले के गांव जुलसान में हुआ था। दीपक अहमदाबाद से डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की थी।

सुनीता के पिता हिंदू हैं और माता कैथोलिक हैं। उनके पिता ने अपने बच्चों को सभी धर्म के लोगों का सम्मान करना सिखाया है।

विलियम्स ने अंतरिक्ष मिशन के बाद 2007 और 2013 में दो बार जिलासन का भ्रमण किया था, जो गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 40 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।

सुनीता ने 1983 में संयुक्त राज्य नौसेना अकादमी में प्रवेश लिया और 1987 में भौतिक विज्ञान डिग्री प्राप्त की।

See also  ssc gd result & Cut Off list 2016

नासा मिशन और उपलब्धियां

नासा ने पहले उनका मिशन निरस्त किया।  1993 में नौसेना परीक्षण पायलट स्कूल में प्रशिक्षण जारी रखा। इस दौरान जॉनसन’एस पेन सेंटर जाने का मौका मिला। नासा ने 8 साल बाद 9 दिसंबर 2006 को उन्हें अंतरिक्ष में भेजा। वह भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बनीं।

सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स

उनकी प्रमुख अंतरिक्ष यात्राओं के दौरान स्पेस वॉक का विवरण:

  • 16 दिसंबर 2006: 7 घंटे 31 मिनट
  • 31 जनवरी 2007: 7 घंटे 55 मिनट
  • 4 फरवरी 2007: 7 घंटे 11 मिनट
  • 8 फरवरी 2007: 6 घंटे 40 मिनट
  • 30 अगस्त 2012: 8 घंटे 14 मिनट
  • 5 सितंबर 2012: 6 घंटे 28 मिनट
  • 1 नवंबर 2012: 6 घंटे 38 मिनट
  • 16 जनवरी 2025: 6 घंटे 0 मिनट
  • 30 जनवरी 2025: 5 घंटे 26 मिनट
अंतरिक्ष में समोसे और अनुभव

जब पहली बार अंतरिक्ष में गईं तो वह नर्वस थीं। यह बहुत जटिल प्रक्रिया थी, लेकिन मैं यह कार्य करना चाहती थी इसलिए मैंने यह किया। फिर अंतरिक्ष मिशन पर जाना चाहूंगी और वहां हो रहे प्रयोगों में अपना योगदान देना चाहूंगी।

 

 

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

Scroll to Top