शैशवावस्था | Infancy Period

Infancy Period Psychology notes in hindi

नमस्कार दोस्तों rajasthangyan.in में आपका स्वागत है आज हम मनोविज्ञान में विकास की अवस्था में शैशवावस्था (Infancy Period) अवस्था के बारे में पढ़ेंगे | इस पोस्ट में आप पढ़ेंगे शैशवावस्था की विशेषताएं (shaishavaavastha kee visheshataen)और उससे जुड़े मुख्य कथन और विभिन्न मनोविज्ञानिकों द्वारा दी गई अवधारणाएं | Psychology More Important Topics you can read here

शैशवावस्था ( Infancy Period) – जन्म से 6 वर्ष

Infancy Period (शैशवावस्था)  को निम्न बातों से जाना जाता है –

  1. जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काल ।
  2. भावी जीवन की आधार शिला।
  3. सीखने का आदर्श काल
  4. मन की मौजों में विचरण करने की अवस्था
  5. सीखने की आयु
  6. प्रिय लगने वाली अवस्था
  7. नाजुक अवस्था
  8. खतरनाक अवस्था
  9. संस्कारों के निर्माण की अवस्था
  10. खिलौनों की आयु
  11. अतार्किक चिन्तन की अवस्था
  12. घडने योग्य अवस्था
  13. नर्सरी स्कूल Age
  14. पूर्व विद्यालयी अवस्था
  15. टोली पूर्व आयु
  16. प्राथमिक विद्यालय की पूर्व तैयारी की अवस्था

शैशवावस्था में विकासात्मक कार्य व विशेषताएँ :

 

नोट : सर्वप्रथम विकासात्मक कार्य का सम्प्रत्यय शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेविंगहर्ट द्वारा दिया गया।

→  विकासात्मक कार्य से तात्पर्य बालक की उम्र व अवस्था के अनुसार कार्य करने से है।

  1. शारीरिक व मानसिक विकास तीव्र गति से होता है।
  2. जिज्ञासा प्रवृत्ति
  3. सीमित मात्रा में कल्पना
  4. सीखने की प्रक्रिया में तीव्रता
  5. दूसरों पर निर्भर
  6. दूसरे शिशुओं के प्रति रूचि
  7. अनुकरण द्वारा सीखना
  8. दोहराने की प्रवृत्ति
  9. स्वार्थी व स्वकेन्द्रित
  10. क्षणिक मित्रता
  11. मित्रों की संख्या
  12. संवेगों का प्रदर्शन
  13. मूल प्रवृत्यात्मक व्यवहार
  14. नैतिक व सामाजिक भावना का अभाव
  15. न तो सामाजिक और न असामाजिक
  16. कहानियाँ सुनना व सुनाना
  17. 2 वर्ष की अवस्था तक मल-मूत्र विसर्जन के संकेत देना तथा 4 वर्ष की अवस्था तक मल-मूत्र विसर्जन पर नियंत्रण करना सीख जाता है।
  18. सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना आदि भाषायी कौशलों की आधारभूत समझ।
  19. अपनी संवेदनाओं (ज्ञानेन्द्रियों) व शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से सीखना।
See also  मनोविज्ञान के उद्देश्य The aim of psychology

शैशवावस्था से सम्बन्धित महत्वपूर्ण कथन

  • जीवन के पहले 4-5 वर्षों में बालक भावी जीवन की नींव रख लेता है – सिग्मंड फ्रॉयड
  • शैशवावस्था सीखने का आदर्शकाल है वैलेन्टाइन
  • शैशवावस्था में सीखने की सीमा और तीव्रता विकास की ओर किसी अवस्था से बहुत अधिक होती है – वॉटसन
  • व्यक्ति का जितना भी मानसिक विकास होता है उसका आधा 3 वर्ष तक हो जाता है – गुडएनफ
  • शिशु का मस्तिष्क कोरी स्लेट होता है जिसे तबुलारासा कहा जाता है – जॉनलॉक

परचुनेट पीरियड (अंशकालीन अवधि)

FAQs

Question – सामान्यत शैशवावस्था की आयु क्या मानी गई है ?

Answer – जन्म से 6 वर्ष

Question – शैशवावस्था सीखने का आदर्श काल है यह कथन है ?

Answer – वैलेन्टाइन

Question – जीवन के पहले 4-5 वर्षों में बालक भावी जीवन की नींव रख लेता है कथन का संबंध किस मनोवैज्ञानिक से है ?

Answer – सिग्मंड फ्रॉयड

Question – शिशु का मस्तिक कोरी स्लेट है जिसे तबला रासा कहा जाता है कथन किस मनोवैज्ञानिक का है ?

Answer – जॉनलॉक

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