राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय Rajasthan Gk in Hindi

Rajasthan ke parmukh samprday

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नमस्कार प्रिय पाठको rajasthangyan.in में आपका स्वागत है आज के इस पोस्ट में हम राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय Rajasthan Gk in Hindi बारे में अध्ययन करेंगे जो कि राजस्थान GK art & culture का टॉपिक है जिसके अंतर्गत हम राजस्थान के लोकसंतो के बारे में पढ़ रहे हैं अगर आपको हमारा प्रयास अच्छा लगे तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करें | और अपनी राय कमेंट द्वारा दे | धन्यवाद !

राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय Rajasthan Gk in Hindi

राजस्थान में समय समय पर लोगो में जन जाग्रति और समाज की आर्टिक सामजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए विभिन्न विभिन्न धर्मवलबियों ने विभिन्न – विभिन्न मतों एवं सम्प्रदायों की शुरुआत की। आज के इस अध्याय में हम राजस्थान से सम्बंधित सम्प्रदायों और उनके संस्थपकों से सम्बंधित जानकरी अध्यन करेंगे।

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नाथ संप्रदाय | Naath Samprday

संस्थापक – नाथ मुनि (Nath Muni)
प्रमुख पीठ – महामंदिर जोधपुर
प्रमुख संत – महेंद्र नाथ , गोरखनाथ , गोपीचंद , भृतहरि
आराध्य देव – शिव

नाथ संप्रदाय के दो संप्रदाय में बंटा था
1. मान पंथी – संप्रदाय महामंदिर जोधपुर
2. बैराग पंथी – रत्ता डूंगा पुष्कर

नाथ संप्रदाय के आयस देवनाथ ने मानसिंह के राजा बनने की भविष्यवाणी की थी
फलस्वरुप मानसिंह ने नाथ संप्रदाय की दीक्षा ली थी

रामानंदी संप्रदाय | Ramanandi Samprday

संस्थापक – रामानंद जी
राजस्थान में संस्थापक – कृष्णदास पयहारी
प्रधान पीठ – गलता जी जयपुर
आराध्य – निर्गुण निराकार राम

रसिकप्रिया संप्रदाय | Rasik Piriy Samprday

संस्थापक – अग्रदास जी
प्रधान पीठ – रेवासा धाम सीकर
आराध्य – राम सीता

रामस्नेही संप्रदाय | Ramsnehi Samprday

रामस्नेही संप्रदाय की शाखाएं

  1. शाहपुरा भीलवाड़ा – रामचरण जी ने
  2. रैण नागौर – संत दरियाव जी, संत दरियाव जी ने ही दरिया पंथ चलाया था
  3. सिंथल बीकानेर – हरिदास जी ने
  4. खेड़ापा जोधपुर – रामदास जी ने निर्गुण राम = रा से राम म से मोहम्मद

निंबार्क संप्रदाय | Nimbark Samprday

संस्थापक – जगद्गुरु स्वामी निम्बार्काचार्य
आचार्य निंबार्क ने वेदांत परिभाषा ग्रंथ लिखकर सिद्धान्त द्वैताद्वैतवाद या भेदाभेदवाद सिद्धांत दिया
आराध्य – श्री कृष्ण
प्रधान पीठ – सलेमाबाद अजमेर
निंबार्क संप्रदाय को हंस सम्प्रदाय, कुमार सम्प्रदाय और सनकादि सम्प्रदाय के नाम से भी जाना जाता हैं।

वल्लभ संप्रदाय | Vallabh Samprday

 

संस्थापक – वल्लभाचार्य
वल्लभाचार्य ने अणुभाष्य लिखा था व शुद्धाद्वैत सिद्धांत दिया था
प्रधान पीठ – नाथद्वारा , राजसमंद
आराध्य – श्री कृष्ण राधा
नोट :- किशनगढ़ शासक सावंत सिंह वल्लभ संप्रदाय से प्रभावित होकर अपना नाम ” नागरीदास “रखा था
वल्लभ संप्रदाय को ‘वल्लभ मत’, ‘पुष्टिमार्ग’ के अन्य नाम से भी जाना जाता है
वल्लभ सम्प्रदाय को हिन्दुओं के वैष्णव सम्प्रदायों में से मन गया गई है।

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रामानुज संप्रदाय | Ramanuj Samprday

संस्थापक – आचार्य रामानुज
रामानुज संप्रदाय को श्री सम्प्रदाय के अन्य नाम से भी जाना जाता है |
हिन्दू धर्म के अन्दर वैष्णव के चार सम्प्रदायों में से एक है। यह शास्त्रीय मत हैं
आचार्य रामानुज ने श्री भाष्य ग्रंथ लिखा था वह विशिष्टाद्वैत सिद्धांत पारित किया था , वैष्णव आचार्यों में प्रमुख रामानुजाचार्य की शिष्य परम्परा में ही रामानन्द हुए जिनके शिष्य कबीर, रैदास और सूरदास थे

निरंजनी संप्रदाय | Niranjani Samprday

संस्थापक – हरिदास जी
हरिदास जी पहले डाकू हुआ करते थे
प्रमुख पीठ – गाढ़ा नागौर

गूदड़ संप्रदाय | Gudad Samprday

संस्थापक – संत दास जी
गूदड़ संप्रदाय की प्रधान पीठ – दांतड़ा , भीलवाड़ा

अलखिया संप्रदाय | Alkhiya Samprday

संस्थापक – स्वामी लाल गिरी
प्रधान पीठ – बीकानेर
ग्रंथ – अलख़ स्मृति प्रकाश

चरणदास संप्रदाय | Charandas Samprday

संस्थापक – चरण दास जी
इन्होंने नादिरशाह के आक्रमण की भविष्यवाणी की थी नादिरशाह ने 1739 में भारत पर आक्रमण किया था तब नादिरशाह शाहजहाँ द्वारा निर्मित तख्ते ताऊस /मयूर सिहासन व कोहिनूर हीरा अपने साथ ले गया था
प्रधान पीठ – डेहरा अलवर

राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदायों से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • संत रैदास के गुरु रामानंद थे एवं इनके शिष्य मीरा थी , संत रैदास की छतरी चित्तौड़गढ़ दुर्ग में है  संत रैदास के उपदेश रैदास की पर्ची नाम से संकलित हैं
  • भगत कभी दुर्लभ को राजस्थान का नरसिंह कहा जाता है जिन का कार्य क्षेत्र डूंगरपुर , बांसवाड़ा है
  • गवरी बाई ( डूंगरपुर ) को बांगड़ की मीरा कहा जाता है
  • संत मावजी कृष्ण भगत थे जिनके उपदेश चौपड़ा कहलाते हैं
  • संत गोरखनाथ जी ने हठयोग चलाया था
  • जैन आचार्य भीका / भीकम जी ने जैन मंदिर श्वेतांबर के तेरापंथ शाखा की स्थापना की
  • आचार्य तुलसी ने अनुवर्त सिद्धांत व अचार्य महाप्रज्ञा ने प्रेक्ष्याध्ययन सिद्धांत चलाया
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राजस्थान के प्रमुख संप्रदाय,संस्थापक और उनकी प्रधान पीठ को याद करने की ट्रिक

प्रमुख धर्म सम्प्रदाय तथा उनके प्रवर्तको की ट्रिक

Trick – ब्रमा गौडचे निहार परप्राण शुद्धावल विशराम

ब्रमा – ब्रम्हा सम्प्रदाय – माहवाचार्य
गौडचे– गोंडिय सम्प्रदाय- महाप्रभु -चैतन्य
निहार – निरंजनी सम्प्रदाय – हरिदास जी
परप्राण– परनामी सम्प्रदाय- प्राणनाथ जी
शुद्धावल – शुद्धाद्वैत सम्प्रदाय – वल्लभाचार्य
विशिराम– विशिष्टा द्वैत सम्प्रदाय- रामानुज

राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय से उनकी प्रधान पीठ

Trick – जस बीका निम से आज रामागज रसरेसी

जस बीका  –  जसनाथी सम्प्रदाय – कतरियासर (बीकानेर)
निम से आज – निम्बार्क सम्प्रदाय – सलेमाबाद (अजमेर)
रामागज – रामानन्दी सम्प्रदाय – गलता (जयपुर)
रसरैसी – रसिक सम्प्रदाय – रैवासा (सीकर)

Trick – निना दादू जय विम लाल धौला चल दिल्ली

निना – निरंजनी सम्प्रदाय – गाढ़ा (नागौर)
दादू जय – दादू पंथ – जयपुर
विम – विश्नोई सम्प्रदाय – मुकाम (बीकानेर)
लाल धौला – लाल दासी सम्प्रदाय – धौली दूब (अलवर)
चल दिल्ली – चरणदासी सम्प्रदाय – दिल्ली

Trick – नाजो वलनाथ अलबीका गुदाभी

नाजो – नाथ सम्प्रदाय – जोधपुर
वलनाथ – वल्ल्भ सम्प्रदाय – नाथद्वारा
अलबीका – अलखिया सम्प्रदाय – बीकानेर
गुदाभी – गूदड़ सम्प्रदाय – दांतड़ा , भीलवाड़ा

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