रासायनिक अभिक्रियाशीलता तथा आवर्तिता | Chemical Reactivity and Frequency

Chemical Reactivity and Frequency

इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक रासायनिक अभिक्रियाशीलता तथा आवर्तिता | Chemical Reactivity and Frequency के बारे में जानकारी दी गयी है | आवर्त सारणी में रासायनिक अभिक्रियाशीलता, अम्लीय व क्षारीय प्रकृति की जांच व द्वितीय आवर्त में तत्वों के गुणधर्मों में असंगतता कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10th के साइंस के Chapter – 5तत्वों का आवर्त वर्गीकरणसे लिया गया है |

आवर्त सारणी में रासायनिक अभिक्रियाशीलता

  • आवर्त सारणी में प्रथम वर्ग के तत्वों के संयोजी कोश में एक इलेक्ट्रॉन होता है | अतः ये आसानी से इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनायन बनाते हैं |
  • प्रथम वर्ग के तत्वों के लिए आयनन विभव का मान बहुत कम होता है |
  • इसी तरह 17 वें वर्ग के तत्वों का स्थाई विन्यास धारण करने के लिए उसकी इलेक्ट्रॉन बंधुता उच्च ऋणात्मक होती है |
  • दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं, कि आवर्त सारणी में बांयी ओर (Last group) व दांयी ओर (17वां वर्ग) के तत्वों की क्रियाशीलता सबसे अधिक होती है | व मध्य के तत्वों की क्रियाशीलता तुलनात्मक रूप से कम होती है |
  • प्रथम व सतरवे वें वर्ग , दोनों वर्ग के तत्व के ऑक्साइड बनाते है |
  • पहले वर्ग के तत्व क्षारीय ऑक्साइड बनाते है |
  • 17 वें वर्ग के तत्व अम्लीय ऑक्साइड बनाते हैं |

जैसे

Na+1 O-2 क्षारीय ऑक्साइड

Cl2O7 अम्लीय ऑक्साइड

मध्य के तत्व उभयधर्मी ऑक्साइड या उदासीन ऑक्साइड बनाते हैं |

See also  विज्ञान के महत्वपूर्ण उपकरण व उनके अनुप्रयोग

Al2O3 , As2O3 उभयधर्मी ऑक्साइड

NO, N2O, CO उदासीन ऑक्साइड

अम्लीय व क्षारीय प्रकृति की जांच

1. क्षारीय ऑक्साइड जैसे सोडियम ऑक्साइड (Na2O) जल अपघटन पर क्षार बनाता है | जो लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है |

Na2+ O + H+ OH 2NaOH

2. इसी प्रकार अम्लीय ऑक्साइड का जलीय अपघटन करने पर अम्ल बनता है | जो नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है |

Cl2O7 + H+ OH 2HClO4

द्वितीय आवर्त में तत्वों के गुणधर्मों में असंगतता

द्वितीय आवर्त लिथियम से फ्लोरीन तक के तत्व अपने ही वर्ग के अन्य तत्वों से भिन्नता प्रदर्शित करते हैं |

भिन्नता का कारण

  • उपयुक्त तत्वों को अपने ही वर्ग के अन्य तत्वों से गुणों में भिन्नता इनके अधिक आवेश घनत्व के कारण होती हैं |
  • दूसरे आवर्त के तत्वों में कुल संयोजी कोशों की संख्या चार होती है अतः यह अधिकतम 4 संयोजकता प्रदर्शित कर सकते हैं |
  • जैसे बोरोन, 4 फ्लोरीन परमाणु के बंधन द्वारा bf4 बना सकता है | लेकिन इसी वर्ग के तीसरे आवर्त में एल्युमीनियम की बात करें तो यह एलुमिनियम फ्लोराइड (AlF6-3) बनाता है | अर्थात यह 4 से अधिक परमाणुओं के साथ बंध बना सकता है |
  • द्वितीय आवर्त के तत्व जैसे कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन इत्यादि अपने ही समान परमाणु या अन्य परमाणुओ से पाई बंध (π Bond) बनाने की प्रवृत्ति पाई जाती है |
  • वर्ग 1 के तत्व अपने ही वर्ग के तत्वों के साथ भिन्नता भी प्रदर्शित करते हैं |

-C≡C- 1σ , 2 π

O=O 1σ , 1 π

N≡N 1σ, 2 π

Here – σ – सिग्मा

            π – पाई

See also  Chapter 3 धातु और अधातु Notes in Hindi Class 10th

Note – पहला अतिव्यापन हमेशा अक्षीय होता है |

FAQs

Question 1. प्रथम वर्ग के तत्वों के लिए आयनन विभव का मान कितना होता है ?

Answer – बहुत कम

Question 2. प्रथम वर्ग के तत्व कैसे ऑक्साइड बनाते है ?

Answer – क्षारीय ऑक्साइड

Question 3. 17 वें वर्ग के तत्व कैसे ऑक्साइड बनाते हैं ?

Answer – अम्लीय ऑक्साइड

Question 4. पहला अतिव्यापन कौनसा होता है ?

Answer – अक्षीय

Question 5. अपने ही वर्ग के अन्य तत्वों से गुणों में भिन्नता किसके कारण होती हैं ?

Answer – अधिक आवेश घनत्व

उपरोक्त पोस्ट में रासायनिक अभिक्रियाशीलता तथा आवर्तिता | Chemical Reactivity and Frequency के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है | कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |

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