इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक आयनन विभव | Ionization Potential के बारे में जानकारी दी गयी है | आयनन विभव / आयनन ऊर्जा, प्रथम आयनन ऊर्जा,द्वितीय आयनन ऊर्जा, तृतीय आयनन ऊर्जा, आयनन ऊर्जा का आवर्त पर प्रभाव, व आयनन विभव का वर्ग पर प्रभाव कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10th के साइंस के Chapter – 5 “तत्वों का आवर्त वर्गीकरण” से लिया गया है |
आयनन विभव –
Defination of Ionization Potential – किसी विलगित गैसीय परमाणु के संयोजी कोश में से एक इलेक्ट्रॉन पृथक करने के लिए आवश्यक ऊर्जा की मात्रा को आयन ऊर्जा या आयनन विभव कहते हैं |
A + ऊर्जा / उष्मा → A+ + e–
Note – आयनन विभव को आयनन ऊर्जा या आयनन एंथैल्पी भी कहते हैं |
1. प्रथम आयनन ऊर्जा (IP1) –
Defination of first Ionization Energy – उदासीन परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन पृथक करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को प्रथम आयनन ऊर्जा कहते हैं |
A + ऊर्जा → A+ + e–
2. द्वितीय आयनन ऊर्जा (IP2) –
Defination of Second Ionization Energy – एकल धन आवेशित परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने की ऊर्जा को द्वितीय आयनन ऊर्जा कहते हैं |
A+ + ऊर्जा → A+2 + e–
3. तृतीय आयनन ऊर्जा (IP3) –
Defination of Third Ionization Energy – द्वितीय धन आवेशित परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन निकालने की ऊर्जा को तृतीय आयनन ऊर्जा कहते हैं |
A+2 + ऊर्जा → A+3 + e–
आयनन ऊर्जा का क्रम –
तृतीय आयनन ऊर्जा > द्वितीय आयनन ऊर्जा > प्रथम आयनन ऊर्जा
IP3 > IP2 > IP1
आयनन ऊर्जा α 1/ परमाणु आकार
आवर्त सारणी में आयनन ऊर्जा की आवर्तीता –
आयनन ऊर्जा का आवर्त पर प्रभाव –
आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश में वृद्धि होती है |
अर्थात इलेक्ट्रोड नाभिक के आकर्षण से ज्यादा आकर्षित रहते हैं |
जिससे इन्हें निकालने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है |
अर्थात आवर्त में आयनन ऊर्जा या आयनन विभव का मान बढ़ता जाता है |
तथा उत्कृष्ट गैसों का विन्यास सबसे ज्यादा स्थाई होने पर इनका आयनन विभव सबसे ज्यादा होता है |
Note – (अपवाद) बेरिलियम का प्रथम आयनन विभव बोरोन की तुलना में अधिक होता है जबकि बेरिलियम आवर्त में बोरोन से पहले आता है | जबकि बोरोन में 2 p उपकोश से निकाला जाता है | 2S की भेदन क्षमता 2 p उपकोश से अधिक होती है | जिससे बेरिलियम में से एक इलेक्ट्रॉन निकालने में बोरोन की तुलना में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है | यही कारण है कि बेरिलियम का आयनन विभव बोरोन से ज्यादा होता है |
आयनन ऊर्जा का वर्ग पर प्रभाव –
वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर कोशों की संख्या में वृद्धि होने के कारण परिरक्षण प्रभाव बढ़ता जाता है |
जिस कारण नाभिक बाहृयतम इलेक्ट्रॉन आसानी से निकलता जाता है |
अर्थात वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर इलेक्ट्रॉन आसानी से निकलता जाता है |
यही कारण है कि वर्ग में आयनन विभव घटता जाता है |
FAQs
Question 1. आयनन विभव किसे कहते हैं ?
Answer – किसी विलगित गैसीय परमाणु के संयोजी कोश में से एक इलेक्ट्रॉन पृथक करने के लिए आवश्यक ऊर्जा की मात्रा को आयन ऊर्जा या आयनन विभव कहते हैं |
Question 2. आयनन ऊर्जा और परमाणु आकार में क्या संबन्ध होता है ?
Answer – आयनन ऊर्जा, परमाणु आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है |
Question 3. आयनन विभव को अन्य किन नामो से जाना जाता है ?
Answer – आयनन विभव को आयनन ऊर्जा या आयनन एंथैल्पी भी कहते हैं |
Question 4. प्रथम आयनन ऊर्जा किसे कहते हैं ?
Answer – उदासीन परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन पृथक करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को प्रथम आयनन ऊर्जा कहते हैं |
Question 5. द्वितीय आयनन ऊर्जा किसे कहते हैं ?
Answer – एकल धन आवेशित परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने की ऊर्जा को द्वितीय आयनन ऊर्जा कहते हैं |
Question 6. तृतीय आयनन ऊर्जा किसे कहते हैं ?
Answer – द्वितीय धन आवेशित परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन निकालने की ऊर्जा को तृतीय आयनन ऊर्जा कहते हैं |
उपरोक्त पोस्ट में आयनन विभव | Ionization Potential के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है | कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |
Other Topic Important Links
Science More Important Topics you can click here
Hindi More Important Topics you can read here
Rajasthan GK More Important Topics click here