इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक मिसेल निर्माण की क्रियाविधि | Mechanism of Micelle Formation के बारे में जानकारी दी गयी है | साबुन,अपमार्जक व मिसेल निर्माण की क्रियाविधि आदि कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10 वी साइंस का chapter – 4 “कार्बन एंव उसके यौगिक ” से लिया गया है |
साबुन और अपमार्जक (Soap and Detergent)
सफाई के लिए उपयुक्त होने वाले पदार्थों को साबुन और अपमार्जक कहा जाता है |
साबुन (Soap)
Soap (साबुन) 12 से 18 कार्बन परमाणु वाले उच्च वसा अम्लों जैसे स्टेऐरिक अम्ल (C17H35COOH), पोमिटिक अम्ल (C15H31COOH) अम्लों के सोडियम (Na) अथवा पोटेशियम (K) लवणों को साबुन कहते हैं |
साबुन का अणुसूत्र –
कठोर साबुन का सुत्र – C17H35COONa
मृदु साबुन का सुत्र – C17H35COOK
समीकरण –
Note – वसा एवं तेल में सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) मिलाने पर ग्लिसरोल का निर्माण होता है |
अपमार्जक (Detergent)
अपमार्जक रासायनिक रूप से लंबी हाइड्रोकार्बन श्रंखला युक्त सल्फोनिक अम्ल (RSO3H) के सोडियम लवण होते हैं |
लंबी एल्केन श्रृंखला के सिरे पर कार्बॉक्सलिक समूह की जगह सल्फोनिक (RSO3H) समूह होते हैं |
अपमार्जक का अणुसूत्र –
C8H15C6H4(OC2H4)9OH
NOTE- साबुन की अपेक्षा अपमार्जक अधिक प्रभावशाली होते हैं, क्योंकि अपमार्जक कैलशियम, मैग्निशियम (जो जल की कठोरता के लिए उत्तरदायी होते हैं) के साथ अवक्षेप नहीं बनाते हैं | दूसरी ओर साबुन इन आयनों के साथ अवक्षेप देता है |
मिसेल निर्माण की क्रियाविधि (Mechanism of Micelle Formation)
- Micelle का निर्माण अनेक आयनो या अणुओं के सहगमन से होता है |
- इसमें द्रव स्नेही (जल विरागी) तथा जल विरोधी भाग होते हैं |
- सोडियम स्टीरेट को जल में विलय करते हैं, तो यह सोडियम तथा आयन देता है |
- RCOONa → RCOO– + Na+
- साबुन का सूत्र – C17H35COONa
- इन सोडियम स्टीरेट में लंबा मुल्क हाइड्रोकार्बन भाग जो जल विरोधी, तथा दूसरा भाग जल विरागी (द्रव स्नेही) है |
- जल विरोधी भाग – जल विरागी तथा जल स्नेही भाग – जल रागी होता है |
- जबकि हाइड्रोकार्बन की पुंछ दूसरा छोर जो जल के बाहर होती है |
- हाइड्रोकार्बन की जल के अंदर इनकी एक विशेष व्यवस्था होती है |
- जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सीधा जल के बाहर बना होता है |
- यह हाइड्रोकार्बनो का बड़ा गुच्छ बनने के कारण होता है |
- जिसमें जल विरागी पुंछ गुच्छे के आंतरिक हिस्से में होती है | जबकि उसका आयनिक सिरा किनारे पर होता है | इस रचना को मिसेल कहते हैं |
- micelle के रूप में साबुन स्वच्छ करने में सक्षम होता है, क्योंकि अध्रुवीय भाग मिसेल के केंद्र में एकत्रित हो जाते हैं |
- मिसेल विलयन में कोलाइड के रूप में बने रहते हैं | तथा आयन अवक्षेप के कारण अवक्षेपित नहीं होते हैं |
- इस प्रकार मिसेल में तैरते मेल आसानी से हटाए जा सकते हैं |
- जब उनके मिसेल पर प्रकाश को प्रकीर्णित करते हैं | तो इस कारण साबुन का घोल बादल जैसा दिखाई देता है |
Diagram of micelle
FAQs
Question 1. साबुन किसे कहते है ?
Answer – साबुन 12 से 18 कार्बन परमाणु वाले उच्च वसा अम्लों जैसे स्टेऐरिक अम्ल (C17H35COOH), पोमिटिक अम्ल (C15H31COOH) अम्लों के सोडियम (Na) अथवा पोटेशियम (K) लवणों को साबुन कहते हैं |
Question 2. अपमार्जक किसे कहते है ?
Answer – अपमार्जक रासायनिक रूप से लंबी हाइड्रोकार्बन श्रंखला युक्त सल्फोनिक अम्ल (RSO3H) के सोडियम लवण होते हैं |
Question 3. कठोर साबुन का सुत्र क्या होता है ?
Answer – C17H35COONa
Question 4. मृदु साबुन का सुत्र क्या होता है ?
Answer – C17H35COOK
Question 5. अपमार्जक का सुत्र क्या होता है ?
Answer – C8H15C6H4(OC2H4)9OH
Question 6. ग्लिसरोल किसे कहते है ?
Answer – वसा एवं तेल में सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) मिलाने पर ग्लिसरोल का निर्माण होता है |
उपरोक्त पोस्ट में मिसेल निर्माण की क्रियाविधि | Mechanism of Micelle Formation के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है | कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |
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