इस पोस्ट में विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक धातुओं का परिष्करण | Metals Finishing के बारे में जानकारी दी गयी है | धातु, धातुओं के रासायनिक गुणधर्म, विद्युत अपघटनी परिष्करण व संक्षारण आदि कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10 वी साइंस का chapter – 3 “धातु और अधातु” से लिया गया है |
विद्युत अपघटनी परिष्करण
- कॉपर, जिंक, टिन, निकिल, सिल्वर, गोल्ड आदि जैसी अनेक धातुओं का परिष्करण विद्युत अपघटन द्वारा किया जाता है |
- इस प्रकम में अशुद्ध धातू को एनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है | धातु के विलयन का उपयोग विद्युत अपघट्य के रूप में होता है |
- विद्युत अपघट्य में जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब एनोड पर स्थित अशुद्ध धातु विद्युत अपघट्य में घुल जाती है |
- इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाती है |
- विलेय अशुद्धियां विलयन में चली जाती है |
- तथा अविलेय अशुद्धियां निक्षेपित हो जाती है , जिन्हें एनोड पंक कहते हैं |
संक्षारण (Corrosion)
1. खुली वायु में कुछ दिन छोड़ देने पर सिल्वर की वस्तुएं काली हो जाती है | सिल्वर का वायु में उपस्थित सल्फर के साथ अभिक्रिया कर सिल्वर सल्फाइड की परत बनने के कारण ऐसा होता है |
Reaction –
2Ag + H2S → Ag2S + H2
2. कॉपर वायु में उपस्थित आद्र कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है , जिससे इसकी सतह से भूरे रंग की चमक धीरे–धीरे खत्म हो जाती है | तथा इस पर हरे रंग की परत चढ जाती है | यह हरा पदार्थ कॉपर कार्बोनेट होता है |
Reaction –
Cu + Co2 + 1/2H2O → CuCo3
3. लंबे समय तक आद्र वायु में रहने पर लोहे पर भूरे रंग की परत चढ जाती है | जिसे लोहे पर जंग लगना कहते हैं |
Reaction –
Fe2o3 + xH2O → Fe2o3.xH2O
संक्षारण से सुरक्षा –
- पेंट करके
- तेल लगाकर
- ग्रीस लगाकर
- यशदलेपन
- क्रोमियम लेपन
- एनोडीकरण
- मिश्र धातु बनाकर लोहे को जंग लगने से बचाया जा सकता है |
1. यशदलेपन – लोहे एवं इस्पात को जंग से सुरक्षित रखने के लिए उन पर जिंक की पतली परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं |
2. मिश्र धातु – दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते है |
3. अमलगम – यदि कोई धातु पारद है तो इसके मिश्र धातु को अमलगम कहते हैं |
Note – शुद्ध धातु की अपेक्षा उसके मिश्र धातु की विद्युत चालकता तथा गलनांक कम होता है |
उदाहरण के लिए –
- तांबा एवं जस्ता (Cu व Zn) की मिश्र धातु – पीतल
- तथा तांबा एवं टिन (Cu व Sn) की मिश्र धातु – काँसा विद्युत का कुचालक है |
- लेकिन तांबे का उपयोग विद्युतीय परिपथ बनाने में किया जाता है |
- शीशा एवं टिन (Pb व Sn) के मिश्र धातु – शोल्डर है |
उपरोक्त पोस्ट में धातुओं का परिष्करण | Metals Finishing के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अतिरिक्त अगर आप विज्ञान के और भी अध्यायों का अध्यन करना चाहे तो आप हमारी वेबसाइट पर कर सकते है कुछ महत्वपूर्ण लिंक निचे दिए है |
FAQs
Question 1. तांबे एंव जस्ते से कोनसी मिश्र धातु का निर्माण होता है ?
Answer – पीतल
Question 2. तांबे एंव टिन से कोनसी मिश्र धातु का निर्माण होता है ?
Answer – काँसा
Question 3. विद्युतीय परिपथ बनाने में कोनसी धातु का उपयोग किया जाता है ?
Answer – तांबा
Question 4. मिश्र धातु किसे कहते हैं ?
Answer – दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते है |
Question 5. अमलगम किसे कहते हैं ?
Answer – यदि कोई धातु पारद है तो इसके मिश्र धातु को अमलगम कहते हैं |
Question 6. यशदलेपन किसे कहते हैं ?
Answer – लोहे एवं इस्पात को जंग से सुरक्षित रखने के लिए उन पर जिंक की पतली परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं |
Question 7. लोहे पर जंग लगने से लोहे का रंग कैसा हो जाता है ?
Answer – भूरा
Question 8. संक्षारण किसे कहते हैं ?
Answer – जब कोई धातु अपने आस पास अम्ल आद्रता आदि के संपर्क में आती है तब यह संक्षारित हो जाती है इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते है |
Question 9. चांदी पर जंग लगने से चांदी का रंग कैसा हो जाता है ?
Answer – काला
Question 10. संक्षारित होने के कारण तांबे का रंग कैसा हो जाता है ?
Answer – हरा
Other Topic Important Links
Science More Important Topics you can click here
Hindi More Important Topics you can read here
Rajasthan GK More Important Topics click here