नमस्कार दोस्तों ! हम आपके लिए लेकर आये है विज्ञान का महत्वपूर्ण टॉपिक अलैंगिक प्रजनन की विधियां | Methods of Asexual Reproduction के बारे में विस्तृत जानकारी | इस पोस्ट में अलैंगिक प्रजनन की विधियां, विखंडन (1. द्विखंडन, 2. बहुखंडन), खंडन, पुनरुदभवन (पुर्नजनन), मुकुलन, कायिक प्रवर्धन, एवं बीजाणु समासंघ आदि कक्षा 10 वी की परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण टॉपिक है | यह टॉपिक कक्षा 10th के साइंस के Chapter – 8 “जीव जनन कैसे करते है” से लिया गया है |
Defination of Asexual Reproduction (अलैंगिक प्रजनन की परिभाषा)
जनन की वह विधि जिसमें सिर्फ एकल जीव ही भाग लेते हैं, अलैंगिक प्रजनन कहलाता है ।
अलैंगिक प्रजनन की विधियां –
- विखंडन (1. द्विखंडन, 2. बहुखंडन)
- खंडन
- पुनरुदभवन (पुर्नजनन)
- मुकुलन
- कायिक प्रवर्धन
- बीजाणु समासंघ
1. विखंडन –
इस प्रजनन प्रक्रम में एक जनक कोशिका दो या दो से अधिक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाती है । उदाहरण – अमीबा, प्लाज्मोडियम
विखंडन दो प्रकार का होता है –
- द्विखंडन
- बहुखंडन
द्विखंडन –
इस विखंडन में जीव दो कोशिकाओं में विभाजित होता है । उदाहरण – अमीबा, लेस्मानिया
अमीबा में द्विखंडन की प्रक्रिया –
लेस्मानिया में द्विखंडन की प्रक्रिया –
बहुखंडन –
इस विखंडन में जीव बहुत सारी कोशिकाओं में विभाजित हो जाता है । उदाहरण – प्लाज्मोडियम
प्लाज्मोडियम में बहुखंडन की प्रक्रिया
द्विखंडन और बहुखंडन में अंतर
द्विखंडन | बहुखंडन |
1. यह क्रिया अनुकूल परिस्थितियों में होती है । | 1. यह क्रिया सामान्यता प्रतिकूल परिस्थितियों में होती है । |
2. इसमें केंद्रक दो पुत्री केंद्र कौन में विभाजित होता है । | 2. इसमें केंद्रक अनेक संतति केंद्रको में बंट जाता है । |
3. द्विखंडन में केंद्रक विभाजन के साथ–साथ कोशिका द्रव्य का बंटवारा हो जाता है । | 3. इसमें केंद्रको का विभाजन पूर्ण होने के पश्चात प्रत्येक संतति केंद्र के चारों और थोड़ा–थोड़ा कोशिका द्रव्य एकत्रित हो जाता है । |
4. एक कोशिकीय जीव से दो संतति जीव बनते हैं । | 4. इसमें एक कोशिकीय जीव से अनेक संतति जीव बनती है । |
5. उदाहरण – अमीबा | 5. उदाहरण – प्लाज्मोडियम |
2. खंडन –
इस प्रजनन विधि में संरचना वाले बहुकोशिकीय जीव विकसित होकर छोटे–छोटे टुकड़ों में खंडित हो जाता है, यह टुकड़े वृद्धि कर नए जीव में विकसित हो जाते हैं । उदाहरण – स्पाइरोगाइरा
3. पुनरुदभवन –
इस प्रक्रम में किसी कारणवश जब कोई जीव कुछ टुकड़ों में टूट जाता है, तब प्रत्येक टुकड़ा नये जीव में विकसित हो जाता है । उदाहरण – प्लेनेरिया
प्लेनेरिया में पुनरुदभवन की प्रक्रिया
4. मुकुलन –
इस प्रक्रम में जीव के शरीर पर एक उभार उत्पन्न होता है, जिसे मुकुल कहते हैं । यह मुकुल पहले नन्ने फिर पूर्ण जीव में विकसित हो जाता है , तथा जनक से अलग हो जाता है । उदाहरण – हाइड्रा यीस्ट (खमीर)
हाइड्रा में मुकुलन की प्रक्रिया
5. कायिक प्रवर्धन –
कुछ पौधों में नए पौधे का निर्माण उसके का एक भाग जैसे जड़, तना, पत्ती आदि से होता है इसे कायिक प्रवर्धन कहते हैं ।
ब्रायोफिलम की पत्ती पर कायिक प्रवर्धन की प्रक्रिया
कायिक प्रवर्धन की प्राकृतिक विधियां
- जड़ द्वारा – डहेलिया, शकरकंदी
- तने द्वारा – आलू, अदरक
- पतियों द्वारा – ब्रायोफिलम की पत्तियों की कोर पर कलिकाएं होती है जो विकसित होकर नया पौधा बनाती है ।
कायिक प्रवर्धन के कृत्रिम विधियां
- रोपण – आम
- कर्तन – गुलाब
- लेयरिंग – चमेली
- उत्तक संवर्धन – आर्किक, सजावटी पौधे
प्रवर्धन के लाभ
- बीज उत्पन्न न करने वाले पौधे जैसे केला, गुलाब आदि के नए पौधे बना सकते हैं ।
- कायिक संवर्धन में नये पौधे अनुवांशिक रूप में जनक के समान होते हैं ।
- बीज रहित फल उगाने में मदद मिलती है ।
- कायिक प्रवर्धन द्वारा पौधे उगाने का सस्ता और आसान तरीका है ।
6. बीजाणु समासंघ –
इस अलैंगिक प्रजनन प्रक्रम में कुछ सरल बहुकोशिकीय जीवो के ऊर्ध्व तंतुओं पर सूक्ष्म गुच्छ (गोल) संरचनाएं जनन में भाग लेती है । यह गुच्छ बीजाणु धानी है जिनमें बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नये जीव उत्पन्न करते है ।
राइजोपस में बीजाणु समासंघ की प्रक्रिया
उत्तक संवर्धन
इस विधि में शाखा के एक सिरे से कोशिकाएं लेकर उन्हें पोषक माध्यम में रखा जाता है । ये कोशिकाएं गुणन कर कोशिकाओं के गुच्छे में परिवर्तित हो जाती है , जिसे कैलस कहते हैं । कैलस को हार्मोन माध्यम में रखा जाता है जहां उसमें विभेदन होकर नए पौधे का निर्माण होता है जिसे फिर मिट्टी में रोपित कर देते हैं । उदाहरण आर्किक, सजावटी पौधे
उपरोक्त पोस्ट में अलैंगिक प्रजनन की विधियां | Methods of Asexual Reproduction के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई है | इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण लिंक भी निचे दिए हुए है –
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